कुछ तो मनमानी करने दो !
कुछ तो मनमानी करने दो !
कब तक तरसाओगे दिल को,
थोड़ी नादानी करने दो !
कुछ बात करो तो बात बने,
कुछ दूरी हम-तुम साथ चलें,
क्या खोया है, क्या पाया है,
जीवन की कहानी कहने दो !
कुछ हंस के कुछ पा लेंगें हम,
अवसाद से सब खो देंगें हम,
हाथों में हाथ मेरे दे कर,
जिंदगी मस्तानी बनने दो !
इन चार दिनों की खुशियों को,
मुसका कर तुम दूना कर दो,
भरपूर जिएँ जीवन अपना,
नायाब जवानी रहने दो !
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